शनिवार, 21 मार्च 2020

दिलीप घोष , सांसद व् अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल

दिलीप घोष  सांसद  व् अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल 


"जब बाघ ने  जोर - जोर से पूंछ पटकना आरम्भ  किया तब उसकी पूंछ  दीवार से जा टकराई 
उसकी आवाज से अंदर वाले की नींद खुल गई.  उसने पता लगाने के लिए भीतर से ही   झाँका "


प्रश्न ,नोट बंदी  के बारे में बहुत से लोग कह रहे है की ये सही फैसला नहीं है आपकी क्या राय  हैं क्या ये कदम सफल होगा  ?
उत्तर ,ये एक अच्छा फैसला है , इससे काले धन रखने वालों के ऊपर लगाम लगेगी जैसे की बहुत से डॉक्टर के यहाँ लोग घंटो लाईन लगाते है और डॉक्टर के यहाँ पैसा कच्चे में लेते है ,नर्सिंग होम ,जमीन ,घर या स्कूल सभी जगह ये  आम बात है इन पर रोक लगेगी।  रही बात सही और गलत की तो ये समय ही बताएगा या कोई अर्थशास्त्री बता सकेगा।  जो लोग इसकी आलोचना कर रहे है इसका मतलब है वे कालाधन से जुड़े है इसी लिए इसे गलत करार दे रहे है। 

प्रश्न , पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसके विरोध में है उनके अनुसार जनता को तकलीफ हो रही है , बहुत से रोजगार बंद हो रहे है ?
प्रश्न, ममता दी अपने राज्य को ठीक से देख नहीं पा रही है , जितने  आतंकवादी बंगाल से पकडे जा रहे है उतने किसी स्टेट से नहीं पकडे जा रहे है ,    अराजक तत्व खुले आम घूम रहे है ,आम लोगो को डरा -धमका रहे है यहाँतक की उनकी नाक के नीचे नवजात बच्चों की तस्करी हो रही है ,कितने नवजात मर गए उनके कंकाल वृद्धाश्रम में पाए गए। वृद्धाश्रम में बच्चों के कंकाल कैसे पहुंचे पहले दीदी इसकी छानबीन करे तत्पश्चात केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करे।रही  बात   रोजगार बंद होने की तो  ये  अस्थायी  समय है। 

प्रश्न , आप संघ से है ,बहुत से लोग संघ को   बैन करने की बात करते है क्योंकि उनके अनुसार संघी   कट्टर हिन्दू वादी होते है। 
उत्तर, भारत के दो प्रधान मंत्री संघ से है ,आडवाणी जी स्वयं संघ से है. मेरा पूरा परिवार संघ से जुड़ा हुआ है संघ  से जुड़ा होना अपराध नहीं है बल्कि ये आदमी को इंसान बनाता है दुसरो की मदद करना उनके लिए सोचना ये एक संघीय कर सकता है, रही बात कट्टर हिन्दू वादी की तो ये गलत धारणा है।  संघ कभी भी किसी की मदद जाति देखकर नही करता। जो इसकी आलोचना करते है वे भारत की बर्बादी चाहते है। 

प्रश्न, पश्चिम बंगाल में भाजपा की क्या स्थिति है। 
उत्तर, आने वाले दिन  भाजपा  के ही है क्योंकि  दीदी जिस तरह से बंगाल चला रही है वो बहुत दिन नहीं चलेगा  और बंगाल की जनता भाजपा को ही विकल्प के रूप में देख रहे है।
प्रश्न, आप ने अंडमान निकोबार में प्रचारक के तौर पर कई वर्षो तक काम किया ,कोई ऐसा वाक्या जिसे आज भी याद कर मुस्कराहट आ जाती है ?
उत्तर, सुनामी जब आयी थी तब मैं अंडमान में था।  सुनामी की त्रासदी , लोगो की चीख ,पुकार,बर्बादी सब कुछ मैंने  देखा है. बहुत बुरी स्थिति थी. बिजली की लाइन कट गयी , पीने के पानी  के लिए लोग तरस रहे थे ।  लोगो को पानी मुहैया कराने के लिए सरकार ने पानी भेजा।  माईक से घोषणा हो रही थी की 'पानी आ रहा है, पानी आ रहा है।' ये सुनकर लोग भागने लगे क्योंकि पानी आ रहा है का  मतलब  सुनामी आ रही है ,तब उनको समझाया  की ये सुनामी की घोषणा नही है ये पीने का पानी वितरित हो रहा है उसकी सूचना है।  दो -चार दिन बाद माईक से फिर घोषणा हुयी कि पानी आ रहा है ,लोग बाल्टी ,कलशी लेकर सड़क पर एकत्रित हो गए तब उन्हें बताया की ये पीने का पानी नहीं बल्कि सुनामी आने की घोषणा है.

प्रश्न , आप ने सुन्दर वन में भी काफी साल बिताये है ,वँहा का कोई दिलचस्प किस्सा ?
उत्तर , सुंदरवन में पहले बाघों का बड़ा आतंक था।  उस समय  लोगो के पास घर के नाम पर झाड़-फूंस की झोपडी होती थी जहा कुछ लोग घर के अंदर और एक आदमी घर के बाहर सोता था।  एक बार सर्दी के समय एक बाघ एक झोपडी में घुस आया वहां सोया हुआ आदमी अपने को चारो तरफ से रजाई में लपेटे हुए सो रहा था। बाघ की आदत होती है ,जब वो अपने शिकार को देखता है तो पूंछ जोर- जोर से पटकता है  और शिकार को हमेशा गले से पकड़ता है, उस आदमी को देखकर उसे समझ में ही नहीं आ रहा था की उसका सर किधर है, इधर वो आदमी डर  के मारे बोल भी नहीं पा रहा था।  जब बाघ ने  जोर - जोर से पूंछ पटकना आरम्भ  किया तब उसकी पूंछ  दीवार से जा टकराई उसकी आवाज से अंदर वाले की नींद खुल गई.  उसने पता लगाने के लिए भीतर से ही   झाँका ,   बाहर बाघ  को देखकर उसने चिल्लाना शुरू किया जिससे डर कर बाघ भाग गया। 



सांसद दिलीप घोष
' द वेक' पत्रिका के प्रबंध सम्पादक मनोज त्रिवेदी के साथ
 


३०. ११. १ ६ 


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