सोमवार, 2 मई 2011

Gen. Shankar Roy Chowdhury

General Shankar Roychowdhury ,

 कश्मीर की समस्याओ पर अपनी बेबाक राय देते हुए

१. कश्मीर में आजादी की मांग बहुत जोर शोर से उठाई जा रही है क्यों ?
*आजादी की मांग कश्मीर में नहीं उठाई जा रही है ,कश्मीर बोलना गलत है क्योकि इसमें जम्मू व् लद्दाख का क्षेत्र भी आता है ,जंहा शांति है .ये मांग कश्मीर घाटी की है .उस घाटी में अलग अलग लोग निवास करते है जैसे गुजर व् बकरवाल आदि इनमे से बहुत से लोग इस तरह की मांग में शामिल नहीं है.वंहा पर कश्मीरी सुन्नी मुस्लिम विभिन्न पार्टियों या जेहादियों के बहकावे में आकर इस प्रकार की मांग कर रहे है .
२.आजादी का मतलब क्या है ,ये किस प्रकार की आजादी की मांग कर रहे है ,भारत से अलग होकर स्वतन्त्र अस्तित्व की मांग या पाकिस्तान में मिलना चाह रहे है.
* ये प्रत्येक दल के नेता के ऊपर निर्भर होता है की वह क्या चाहता है .जैसे तहरीक -ऐ -हुर्रियत के नेता गिलानी की मांग पाकिस्तान के साथ जाने की है .प़ीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती सेल्फ रुल (हिंदुस्तान व् पाकिस्तान के प्रभाव से अलग  अपना वजूद) चाहती है .जमात -ऐ -इस्लामी के नेता मीरवायज उमर फारुख अब्दुल्ला की मांग 'आजादी' भारत से अलग होना है .वो पाकिस्तान के साथ जा भी सकते है और स्वंतंत्र भी रह सकते है .नेशनल कांफेरेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला व् कश्मीर के  मुख्य  मंत्री उमर अब्दुल्ला भारत के साथ है .
३. लेकिन आजादी की मांग आज घाटी के बड़े से लेकर बच्चे तक कर रहे है क्यों ?
*रोज रोज की होने वाली हिंसा से तंग आकर आम जनता शांति चाहती है ,वो शांति सुकून से कमाना खाना चाहती है .उनकी आजादी की मांग का मतलब होने वाली हिंसा से मुक्ति की चाह है .
४. नेशनल कांफेरेंस के नेता औटोनामी 'स्वायत्ता' की मांग कर रहे है. क्यों ?
*नेशनल कांफेरेंस के नेता औटोनामी की मांग कर रहे है ठीक है ,उन्हें जो भी कुछ चाहिए संविधान के अन्दर रहकर ही उसकी मांग कर
 सकते है और सरकार जो भी कुछ देना चाह रही है संविधान के तहत ही दे .
५. क्या कश्मीर घाटी का मुद्दा बहुत गंभीर है ,इसलिए इसे यु ऐ ऍन को सौपा गया है?
*   भारत ने कई गलतिया की है जिसमे से एक कश्मीर घाटी के मुद्दे को सौपना  भी है .ये भारत के अन्दर की समस्या थी तो इसे भारत को ही सुलझाना चाहिए था .
६. आपके अनुसार भारत ने कई गलतिया की है क्या आप उनमे से एक दो बता सकते है ?
*बाकी की गलतियों की बात छोड़ दीजिये वर्तमान में वो जो गलती कर रहा है वो ये है की अलगाववादी नेताओ को बार- बार पाकिस्तान भेज कर कश्मीर की समस्या को बात चीत के माध्यम से सुलझाने की कोशिश. भारत सरकार को तो ऐसे लोगो का पासपोर्ट जब्त कर लेना चाहिए था जो पाकिस्तान इस समस्या को सुलझाने के लिए नहीं जाते, वरन वंहा से नए -नए फार्मूले कश्मीर में उपद्रव मचाने के लिए सीख कर आते है.
७. कश्मीर घाटी से फ़ौज हटाने की बात करते है क्या फ़ौज हटाना समस्या का समाधान है ?
* फ़ौज पाकिस्तान या घाटी के हुक्म से तो हटेगी नहीं .अगर पार्लियामेंट समझती है की कश्मीर की समस्या का समाधान फ़ौज हटाना है तो वो इस बारे में चर्चा करेगी .
८. कश्मीर घाटी से फ़ौज हटाना क्या इतिहास दोहराना नहीं होगा .जिस प्रकार अक्टूबर १९४७ में कश्मीर के राजा हरी सिंह को हराकर कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के उद्देश्य से पाकिस्तान ने गोरिल्ला युद्ध किया था वो भी तब जब राजा हरी सिंह स्वयम बटवारे के समय पाकिस्तान के साथ जाने वाले थे .इसका नतीजा  ये हुआ की वो पाकिस्तान की हरकत देखकर भारत के साथ आ गए और तब उन्होंने पाकिस्तान को खदेड़ने के लिए भारतीय फ़ौज की मदद ली ?
*ये बिल्कुल सही है अगर वहा से फ़ौज हटती है तो पाकिस्तान कश्मीर को ही नहीं बहुत कुछ खा जायेगा .
९. सी आर पी एफ जो कश्मीर में तैनात है उसके बारे में आपकी कोई राय ?
* सी आर पी एफ व् उसके कमान्डेंट को और ट्रेनिंग की आवश्यकता है इसके अतिरिक्त उन्हें आराम देने की भी जरुरत है .क्योकि कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक जहा कही भी झमेला होता है सी आर पी एफ भेज दी जाती है .यही वजह है की उनलोगों ने अपना बंद बनाया है जिसकी धुन है 'चलते रहो प्यारे ' इसलिए मेरा मानना है कि उन्हें आराम कि आवश्यकता है वो बहुत खींचे हुए है .
१०.  इन सबका समाधान क्या है?
*इन सबका एक ही समाधान है जो भी मांग है आजादी ,औटोनामी इनकी पूर्ति संविधान के अन्दर ही रहकर होनी चाहिए .constitution  के बहर कुछ भी नहीं .दूसरी बात दिल्ली सरकार का रुख बहुत नरम है जो सही नहीं है. उसमे सुधार होना चाहिए .
जनरल शंकर राय चौधुरी अपनी पत्नी के साथ  'द वेक ' मैगजीन   के लिए interview  देते हुए.






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