निरंजन मलिक ,लेफ्टिनेंट जनरल (पीवीएसएम् )
प्रश्न , आपका जन्म कहा हुआ और आप आर्मी में कैसे आये .किसी प्रेरणा से या पारिवारिक प्रष्ठभूमि के कारण ?
* मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक कृषक परिवार में हुआ था मेरे पिताजी कृषक के साथ - साथ सैनिक भी थे .ये हमारे परिवार की परंपरा है की जितने लड़के होंगे वे आर्मी में जायेंगे .हमारे तीनो भाई आर्मी में अफसर है .और चचेरा भाई भी आर्मी में ही है.
२. आपने स्कूली शिक्षा कहा से प्राप्त की ?
*मैंने अपनी प्राम्भिक शिक्षा आर्मी के नामी स्कूल में पाई थी. कालेज की शिक्षा मैंने प्रिंसे ऑफ़ वेल्स रायल इन्डियन मिलिट्री कालेज में जिसे आज " राष्ट्रीय इन्डियन मिलिट्री कालेज देहरादून" के नाम से जाना जाता है वहा से प्राप्त की .इस कालेज में एडमिशन पाने के लिए परीक्षा देनी पड़ती है.मैंने दिल्ली से परीक्षा दी थी उस समय उसमे मात्र एक ही सीट थी, ये जानकर आपको आश्चर्य होगा ,जैसा की मुझे हुआ था की परीक्षा का रिजल्ट निकलने के बाद मै अकेला ही था जो दिल्ली से पास हुआ था .बाद में मेरे प्रिंसिपल एच सी कैचपाल ने मुझे बताया कि maithmatics में मैंने २०० नंबर में से १९८ पाए थे .जिसके कारण मुझे अडमिशन मिला था हलाकि मै अंग्रेजी में फेल हो गया था .
३. तब आपने अंग्रेजी सुधारने के लिए क्या किया ?
*ये बहुत ही दिलचस्प न भूलने वाली स्मृति है .कालेज के standard की अंग्रेजी जानने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी पड़ी .जंहा कालेज में सभी मस्ती करते थे वहा मै खली समय में अंग्रेजी के नावेल पढ़ा करता था .क्योकि मेरे सेक्शन के टीचर मिस्टर वाटसन जो साइंस पढ़ाते थे और बहुत ही अच्छे इन्सान थे उन्होंने मुझसे कहा की अंग्रेजी सीखने के लिए नावेल पढना आवश्यक है और साथ ही निर्देश दिया की प्रत्येक सप्ताह तुम्हे एक नया नावेल पढना है और रविवार को मेरे साथ उस पर चर्चा करनी है .तब मुझे ये किसी सजा से कम नहीं लगता था कि मै खाली समय में नावेल लेकर बैठा हूँ .जबकि मेरे साथ के केडेट खेलते थे किन्तु इसका फायदा ये हुआ कि मै किताबे पढने का शौकीन हो गया .इसके बाद जब मैंने सीनियर cambridge फायनल परीक्षा दी तब मुझे तीन विषयो गणित,इतिहास ,अंग्रेजी में distinction मिली जिसका श्रेय मै आजतक अपने प्रिंसिपल और टीचर को देता हूँ.
४. आपके अनुसार stratgic blunder क्या है?
* भारत वो देश है जिसने मोर्याँ और गुप्ता पीरियड का स्वर्णकाल देखा है. भारत कि गौरवपूर्ण परंपरा में शासक सुचारू रूप से शासन चलने में सक्षम थे .इनकी शासन प्रणाली सुन्दर इमारतो का निर्माण, वैज्ञानिक पद्धति, साफ-सफाई सभ्यता ने पुरे संसार में भारत कि पहचान करायी थी. किन्तु लम्बे समय की गुलामी ने एक प्रश्न चिन्ह लगा दिया था कि "क्या भारत सक्षम होगा एक राष्ट्र के रूप में पहचान बनाने में ?" और आज साथ वर्षो बाद भी एक प्रश्न लोगो को मैथ रहा है कि "क्या भारत सुपर पावर बन जायेगा ?" हालाँकि आज भारत में कुटनीतिक दृष्टिकोण में कमी आई है .राष्ट्र के प्रति लोगो में लगाव नहीं रह गया .सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है और न ही सही योजनाये क्रियान्वित कि गयी है .खस्ता सुरक्षा के चलते हमारे पडोसी राज्यों ने हमारे ऊपर प्रेशर दल कर रखा है .उनके द्वारा भारत को दिए गए घाव रिस रहे है .गजनी के समय से जब उसने सत्रह बार आक्रमण कर देश को लुटा था और रक्तपात किया था आज तक भारत विदेशी आक्रमण रोकने में या जवाब देने में असमर्थ है.
५. जिस असुरक्षा कि आप बात कर रहे है ,क्या उसका कारण सेना का सशक्त न होना है.?
* नहीं हमारी सेना बहुत सशक्त है,लेकिन नई रणनीति के तहत जिस तरह का संग्राम द्वीपों में दिख रहा है ,उसके लिए सेना तैयार नहीं है .
६. आपके अनुसार क्या केंद्र सरकार दोषी है जिसे सेना की समस्याये और देश की सुरक्षा नहीं दिख रही है ?
*बिलकुल हमारी केंद्र सरकार सुरक्षा के प्रति लापरवाह है .किन्तु जब श्री अटल बिहारी बाजपई जी प्रधानमंत्री बने थे तब उन्होंने देश की सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी थी .पोखरण परमाणु परीक्षण हमारी सैन्य शक्ति में इजाफा किया था.
७. आपको सबसे अधिक क्या बात दुखित करती है ?
*मै अवकाश प्राप्त सैनिक हूँ और जब अपने चारो तरफ देखता हूँ तो पाता हूँ कि राजनेता हमारे देश कि सुरक्षा के लिए कुछ भी नहीं सोच रहे है . बदले हुए माहौल में हमें अत्याधुनिक हथियारों की आवश्यकता है जिससे कि हम अपने शत्रुओ से निपटने में उनसे एक कदम आगे रह सके .इसके अतिरिक्त हमें अपने शत्रु को पहचानना होगा और उनके कार्य करने के तरीके को चाहे वे पाकिस्तानी हो या चीनी .सिर्फ राजनीतिग तरीके से बात करके और पेपरों में लिख क्र ,आश्वासन देकर अपने कार्य को समाप्त कर देना सही नहीं है .जिस तरह से पाकिस्तान कभी भी अपनी बात पर कायम नहीं रहता .इधर चीन भी भारत के साथ सही तरीके से पेश नहीं आ रहा है और अरुणाचल पर अपना दावा जाता रहा है .उससे पाकिस्तान और चीन दोनों के इरादे स्पष्ट समझ में आ रहे है .किन्तु हम सच्चाई से मुहं मोड़ कर एक झूठे सवर्ग में रहते है जिसकी बहुत बड़ी कीमत हमें भविष्य में चुकानी पद सकती है .
८.क्या आप अपने देशवासियों को कोई सन्देश देना चाहेंगे ?
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