गुरुवार, 31 मार्च 2011

Moti Kaul "President ,All India Kashmiri Samaj

राष्ट्रीय कश्मीरी सभा के अध्यक्ष ,मोती कौल के साथ  विशेष वार्तालाप,,,
 १.आप राष्ट्रीय कश्मीरी सभा के अध्यक्ष है ,आपने कश्मीरी हिन्दुओ के पलायन को रोकने के लिए क्या किया?
* हमने केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक कश्मीरी हिन्दुओ के पलायन को रोकने के लिए बहुत बार बात की मदद मांगी किन्तु इस पर कभी विचार ही नहीं किया गया .
२. आपकी बात पर विचार न किया जाना इसका क्या कारण है ?
*इसका सीधा सा कारण है कश्मीरी हिन्दुओ का न्यूनतम आकडा जो किसी भी नेता को सत्ता दिलाने में वोट बैंक साबित नहीं हो सकता . इसी लिए सभी सत्ता धारी आपनी कुर्सी बचने के लिए  मुस्लिम समुदाय को लुभाने में लगे रहते है .
३.कश्मीर में हिन्दू अल्पसंख्यक है ,क्या उनके हितो की रक्षा के लिए भी ऐसी कोई योजना आरम्भ की गयी है जैसी की भारत के बाकि प्रदेशो में मुस्लिम समुदाय के हितो व् अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए लागु की गयी है?
* इस पर भी हमने सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की किन्तु कोई  बात नही  बनी . 
४. इसके आलावा भी कोई कारण जो आप लोगो को आपके अधिकार दिलाने में बाधक है ?
*सहनशीलता और शांतिप्रिय स्वभाव जो कश्मीरी हिन्दुओ का ही नहीं वरन समस्त हिन्दुओ का स्वभाव है जिसे लोग कायरता या कमजोरी समझ लेते है .यही सबसे बड़ी बाधा है हिन्दुओ को उनके अधिकार दिलाने में .
५.आजकल अलगाववादी नेता कश्मीरी हिन्दुओ को कश्मीर वापस बुलाने की बात कर रहे है ,आपका इस बारे में क्या ख्याल है ?
* कहने से क्या होता है ,सुरक्षा ,सुविधा ,सही वातावरण इनकी आवश्यकता होती है. जब ये ही नहीं मिलेंगे तो वहा क्या खुद को मौत के मुंह  में धकेलने जायेंगे .वैसे भी कश्मीरी हिन्दुओ को बुलाने की पहल १-२ साल से ही शुरू हुयी है .वो भी तब जब कश्मीर की स्थिति और हिन्दुओ के पलायन पर पश्चिमी देशो ने आलोचना करना आरम्भ कर दी  यहाँ तक की उन्होंने भारत के सेकुलर होने पर भी प्रश्न लगा दिया.
६. कश्मीर से साढ़े तीन लाख हिन्दुओ ने १९९० में पलायन किया था .क्या सरकार ने सभी को घर व् रोजगार मुहैया करा दिया ?
* सबसे बड़ी पीड़ा यही है की सरकार ने ऐसी कोई सुविधा कश्मीरी हिन्दुओ को बसाने के लिए नहीं दी  अभी भी तीस -चालीस हजार के लगभग लोग बीस वर्षो से खस्ताहाल स्थिति में शिविरों में स्वदेशी शरणार्थी बन कर रहने के लिए मजबूर है .उनके लिए न केंद्र सरकार चिंतित है न राज्य सरकार .
७.आजकल गैर सरकारी संगठन जरूरतमंद लोगो की बहुत मदद करते है फिर इन चालीस हजार लोगो की मदद क्यों नहीं की गयी ?
* अधिकतर संगठन सीधे कश्मीर जाते है उन्हें जम्मू के तम्बुओ में समाये ये शरणार्थी नहीं दीखते हा छोटे छोटे संगठन कभी कभार दिख जाते है .
८. मीडिया की समाज में काफी अहम् भूमिका है फिर उन्हें   बीस वर्षो से अपने घर को तरसते ये शरणार्थी  क्यों नहीं  दिखते  ?
* शायद हम लोग मीडिया के सांचे  में फिट नहीं है इसी लिए वे लोग हमारे बारे में कभी कभार ही लिखते है.
९.आपको क्या लगता है क्या भारत कश्मीर को खो देंगा ?
*भारत के सामने सिर्फ कश्मीर अकेले की समस्या नहीं है ,दक्षिण भारत ,पूर्वी भारत भी बिखराव की स्थिति में है .अगर समय रहते समस्याए नहीं सुलझाई तो आने वाले दिनों में भारत बहुत कुछ खो देंगा .
१०. आप  कश्मीरी  समाज के लिए क्या करना चाहते  .
* उनके अधिकार उन्हें  dilana chahta hu जो  लोग कश्मीर से बाहर बस गए है उन्हें उनकी संस्कृति और भाषा से जोड़ना chahta hu .क्योकि अपनी जड़ो से दूर जाना ही किसी भी समाज के लिए पतन का कारण बनता है .

" द  वेक " पत्रिका के साथ


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