'THE WAKE' HINDI MONTHLY MAGAZINE CAME IN ITS EXISTENCE ON 12th NOVEMBER 2005 . SINCE THEN IT'S IN CONTINUATION . "SELECTED INTERVIEWS OF THE WAKE"
बुधवार, 2 अप्रैल 2014
शनिवार, 22 मार्च 2014
RAHUL SINHA ,PRESIDENT BJP (WEST BENGAL)
राहुल सिन्हा ,अध्यक्ष ,भारतीय जनता पार्टी ( पश्चिम बंगाल )
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राहुल सिन्हा ' द वेक' के कार्यक्रम में वक्तव्य देते हुए , साथ में सीपीएम के सांसद मोहम्मद सलीम जी । |
१. प्रश्न : २०१४ चुनाव सामने है ऐसे में आपको बंगाल में भाजपा का भविष्य कितना उज्जवल दीखता है?
उत्तर : वर्त्तमान में भाजपा का भविष्य बंगाल में काफी उज्जवल है क्योकि कांग्रेस और सीपीएम का वजूद ख़त्म है। त्रिमूल कांग्रेस के कार्यों से जनता नाखुश है ऐसे में भाजपा ही एकमात्र विकल्प है जो जनता को एक अच्छी सरकार दे सकता है ।
२. प्रश्न : आप के अनुसार भाजपा ही त्रिनमूल को टक्कर दे सकती है ?
उत्तर : बिलकुल और यही वजह है कि चीफ मिनिस्टर ममता बेनर्जी सभी जगह भाजपा को वोट न देने की बात कर रही है वो डर गयी है ।
३. प्रश्न : २०१४ के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कितनी सीट मिलेंगी ?
उत्तर : हम कोई निश्चित आंकड़ा तो नही बता सकते किन्तु ये जानते है कि इस बार सीट तो मिलेंगी और अच्छी खासी मिलेंगी ।
४. प्रश्न : पश्चिम बंगाल में भाजपा का संगठन बहुत कमजोर है ऊपर से जिन लोगो को टिकिट नही मिला है वे नाराज है इस स्थिति में आप कैसे उम्मीद कर सकते है कि भाजपा को अच्छी खासी सीट मिलेंगी ?
उत्तर: टिकिट दिल्ली से मिलती है, वहाँ की टीम तय करती है कि वो किसे टिकिट दे । जो लोग नाराज है उन्हें विधानसभा के चुनाव में टिकिट मिल जायेगी वैसे भी उन्हें सोचना चाहिए कि वे लोग पार्टी के लिए कार्य करते है न कि टिकिट लेने के लिए । रही बात सीट मिलने की तो इस बार मोदी जी की लहर है और वोट जनता को करना है ।
५. प्रश्न : पंचायत के चुनाव में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी जब भाजपा जमीनी स्तर पर जुडी ही नहीं तो लोकसभा में जीतने की कैसे उम्मीद कर सकती है ?
उत्तर : भाजपा के कार्यकता गांवो में भी है रही बात जीत की तो पंचायत चुनाव लूट लिया गया था किन्तु लोकसभा चुनाव में लूटने की सम्भावना नही है इसी लिए हम जीत के प्रति आश्वस्त है ।
६. प्रश्न : आप ने उत्तर कोलकाता को ही अपने चुनाव क्षेत्र के रूप में क्यों चुना जबकि पिछली बार आपका चुनाव क्षेत्र दूसरा था ?
उत्तर : इस क्षेत्र से मै बरसो से काम कर रहा हूँ इसलिए ये क्षेत्र मेरे लिए सबसे उपयुक्त जगह है ।
७. प्रश्न : आपने कुछ सेलेब्रिटी को भी टिकिट दिया है क्या भाजपा में कर्मठ और नेतृत्व प्रधान चेहरो की कमी है ?
उत्तर: हमने ४२ सीट में से सिर्फ तीन -चार सेलेब्रिटी को ही टिकिट दिया है । उसका कारण मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी को जवाब देना कि उन्होंने जिन सेलेब्रिटीस को मैदान में उतारा है उनकी तुलना में भाजपा का एक -एक सेलिब्रिटी दस के बराबर है जैसे कि जादूगर पीसी सरकार , संगीतकार बप्पी लाहिरी, गायक बाबुल सुप्रियो ।
८. प्रश्न: आप जनता के सामने किस मुद्दे को लेकर जायेंगे ?
उत्तर: हमारा मुख्य मुद्दा कोलकाता को मॉडल बनाना है ।
९. प्रश्न : वैसे ही जैसे मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने कोलकाता को लन्दन बनाने का वायदा किया है ?
उत्तर, हम कोलकाता को आधुनिक और हाई टेकनोलॉजी वाले माडल के रूप में लाना चाहते है ठीक वैसे ही जिस प्रकार मोदी जी ने गुजरात को सबके सामने माडल बना कर पेश किया है।
१०. प्रश्न : कोलकाता के फुटपाथ को गरीब और बेरोजगार लोग घेरे हुए है आप उनके लिए क्या व्यवस्था करेंगे ?
उत्तर : मेरे पास उन लोगो के लिए काफी योजनाये है जिन्हे जीतने के बाद ही सामने लाया जा सकता है ।
११. प्रश्न: प्रत्येक दल ने महिलाओं को टिकिट दिया है लेकिन पश्चिम बंगाल में भाजपा ने एक ही महिला को टिकिट दिया । क्या यहाँ पर सक्षम महिलाओं की कमी है ?
उत्तर: शायद हाँ, तभी किसी और महिला को टिकिट नहीं दिया गया ।
१२. प्रश्न : जो लोग अपने दल को छोड़ कर ( दल -बदलू ) आते है क्या उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकिट देना चाहिए ?
उत्तर: हमने पश्चिम बंगाल में किसी को भी, जो अपने दल को छोड़कर आये है टिकिट नही दिया । हमने उनसे कहा कि पहले पार्टी को समझिये उसके लिए कार्य कीजिये फिर टिकिट की बात करिये ।
शुक्रवार, 21 मार्च 2014
रविवार, 17 नवंबर 2013
Model & Actress Simran Grewal (zeisha Grewal)
प्रश्न, आप कहा से है ? आप एक्टिंग की लाइन में कैसे आई ?
उत्तर, मेरा जन्म विदेश (एले) में हुआ था जहा मेरे पिता व्यवसाय करते है । मेरी स्कूलिंग एले में हुयी , ग्रेजुएशन भारत में । बचपन से ही एक्टिंग का शौक था ,इसी शौक ने हमे फिल्मो से जुड़ने के लिए प्रेरित किया । ब्यूटी कांटेस्ट में मैंने बहुत कम उम्र से ही हिस्सा लेना आरम्भ कर दिया था । जिसमे मिस सिंडरेला कंटेस्ट में फर्स्ट रनर अप रही ।मिस मिलेनियम में बेस्ट स्किन और बेस्ट हेयर का अवार्ड मिला ।
प्रश्न ,आपका असली नाम सिमरन ही है या फ़िल्मी तर्ज पर कोई और?
उत्तर ,मेरा असली नाम जायशा है ।
प्रश्न, आप काले रंग के परिधान ज्यादा पहनती है क्या ये आपका पसंदीदा रंग है?
उत्तर , हां ये सही है की मै काले रंग के परिधान ज्यादा पहनती हूँ क्योकिं ये मेरा लकी रंग है लेकिन पिंक और ब्लू कलर भी मुझे बहुत पसंद है ।
प्रश्न , भारत में आपका पिक्चरों से लिंक कैसे हुआ ?
उत्तर , मेरी रिश्ते की बहन मुझे एक ऑडिशन के लिए ले के गयी ,पहले तो बहुत डर लगा लेकिन वहां पहुच कर डर निकल गया |
प्रश्न , आपने मॉडलिंग भी की है , अब तक कितनी बार रेम्प पर चल चुकी है और आपने अन्य माडलों की तरह काफी भड़काऊ फोटो भी खिचवाई है जबकि आप का मानना है की फिल्म्स में काम करने का मतलब समझौतों पर काम करना जिसमे से एक अंग प्रदर्शन भी है ?
उत्तर , यही कोई ५० बार रैम्प पर चली होँगी । रही बात भड़काऊ फोटो खिचवाने का तो वो इसलिए है की मेरे पास भी एक सुन्दर बदन है जिसे दिखाया जा सकता है लेकिन मै इसे दिखाने के खिलाफ हूँ इसी लिए मै प्रोड्यूसर की शर्तो पर काम नहीं कर सकती
प्रश्न , निर्देशक बनने के फैसले के पीछे क्या यही वजह है ?
उत्तर, जी हाँ,निर्देशक बनने के पीछे यही कारण है , मै फिल्म इंडस्ट्री को बताना चाहती हूँ की बिना अंग प्रदर्शन के भी एक अच्छी पिक्चर बनायीं जा सकती है । वैसे भी आजकल के निर्देशकों ने हिरोइनो को हेंगर समझ के रखा है जिन पर वे अपनी इच्छानुसार के कपडें टांग सके ।
प्रश्न, बंगाली पिक्चरों में भी काम किया है आपके अनुसार सबसे अच्छी पिक्चर कौनसी थी ?
उत्तर,मैंने - चार - पाँच बंगाली पिक्चरों में काम किया है , मिथुन चक्रवर्ती के साथ 'सत्यामेबो जोयते ' नामक फिल्म की थी ये मेरा बहुत ही अच्छा अनुभव था ।
प्रश्न , इस फिल्म से जुडा हुआ कोई मीठा अनुभव ?
उत्तर, मै गाँव में रहने वाली एक तेज-तर्रार लड़की होती हूँ ,इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती ट्राफिक सार्जेंट होते है जो की एक मर्डर केस में फंसा दिए जाते और उन्हें बचाने के लिए मेरी जरुरत होती है ,मै सूती धोती पहने हुए पानी लेकर आती हूँ ,लेकिन मेरी कमर में मोटी सोने की चेन ,जिसे मै हमेशा पहने रहती हूँ कमर पर दिखाई दे रही थी ,ये देखकर मिथुन दा ने मजाक करते हुए कहा की 'गाँव में रहने वाली एक ग़रीब लड़की इतनी मोटी सोने की चेन पहनती है । इस तरह के एक नहीं अनेक मीठी स्मर्तियाँ है ।
प्रश्न , हिंदी फिल्मो में भी काम किया है ?
उत्तर ,लक अपना-अपना में सोनू सूद के साथ काम किया ।
प्रश्न, आप अच्छी नर्तिका है ,कभी डी आई डी या नाच बलियें में आने के लिए प्रयास नहीं किया ?
उत्तर, मुझे वंहा से बुलावा आया था लेकिन बलिवुड का मानना है की जो स्टेज पर या छोटे परदे पर ज्यादा दीखता है वो फिल्मों में ज्यादा नही चलता ।
प्रश्न: एक्टिंग के आलावा और कोई शौक ?
उत्तर, डांस सिखाने का मुझे बचपन से ही शौक है ,इसी लिए तीन वर्षों से डांस स्कूल चला रही हूँ
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013
Film maker ,Director Ashoke Vishvanathan.
Film maker ,Director Ashoke Vishvanathan. |
प्रश्न : आप तमिलनाडु से है , कोलकाता आना कैसे हुआ ?
उत्तर : दरअसल मेरे पिता तमिलनाडु से है जबकि माँ बंगाली । पिता थियेटर आर्टिस्ट होने के साथ -साथ फिल्मो से भी जुड़े हुए है और उन्होंने सत्यजित रे के साथ कंचन जंघा फिल्म बनायीं थी और भी फिल्मों में काम किया है। मृणाल सेन के साथ "पुनश्च" फिल्म में काम किया। हमने उन्हें इस लाईन में कम करते देखा तो अपना मन भी बना लिया कि हमें फिम्ल जगत में ही काम करना है। इसके लिए हमने पूना से ट्रेनिग ली ।
प्रश्न: आपने बहुत कम समय में लोकप्रियता हासिल की है इसका क्या कारण है ?
उत्तर : ये सब ऊपर वाले की है मेहरबानी है ।मैंने अब तक नौ फीचर फिल्म की है जिसमे से दो को अन्तराष्ट्रीय अवार्ड व् तीन को नेशनल अवार्ड मिला । पाँच बार इंडियन पेनोरमा में भी शामिल हुयी । 1994,1998,2001,2002 और 2006 ।
प्रश्न: आप किसी खास सन्देश को समाज में पहुचाने के लिए फिल्म बनाते है या कोई विषय पसंद आ जाने पर उस पर काम करते है।
उत्तर: फिल्मस हमेशा ही समाज में सन्देश पहुचाने का माध्यम होती है।बहुत बार किसी ज्वलंत समस्या के हल के रूप में फिल्मे बनती है तो कई बार किसी खास विषय को केन्द्रित करके बनायीं जाती है। मेरी कोशिश भी यही रहती है की जिस किसी प्रोजेक्ट पर काम करू वो समाज में चेतना लाने वाला हो या समाज को सही रास्ता दिखने वाला हो।
प्रश्न: आपने किन बड़े कलाकारों के साथ काम किया है?
उत्तर: विक्टर बेनर्जी , जयाप्रदा ,जैकी श्राफ के साथ 'शेष संघर्ष ' नमक फिल्म में काम किया है । रजत कपूर ,प्रियांशु चटर्जी ,सीमोन सिंह ,चिरंजीत ,प्रसन्नजीत आदि के साथ 'ब्लाइंड लेन 'सीरियल में काम किया है जिसका प्रसारण जी टीवी बंगला में होता था ।
प्रश्न: क्या आपने हिंदी में भी पिक्चर या धारावाहिक बनाये है ?
उत्तर : हिंदी में भी हमने काफी काम किया है ,'तरकश ' नामक धारावाहिक बनाया था जिसका प्रसारण 2000में जी टीवी पर हुआ था ।इसमें मीता वसिष्ठ ,अंजन दत्त आदि थे । रितुपर्ना सेन गुप्ता के साथ फिल्म भी बनायीं । हाल ही में गुमशुदा फिल्म बनायी ये हिंदी के साथ -साथ तीन भाषाओ में भी इस फिल्म की डबिंग हुयी है ।
प्रश्न: आपके पसंदीदा कलाकार कौन से है ।जिनके साथ काम करने में आनंद आया ?
उत्तर: रिदिमान चटर्जी ,रूपा गांगुली, नंदिता दस, स्वस्तिका मुख़र्जी, जैकी श्रॉफ , विस्तार बनर्जी, प्रसंजित आदि लेकिन सबसे ज्यादा सीखने को मिला जयाप्रदा के साथ काम करके ।
प्रश्न: काम करने में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना कब करना पड़ता है ?
उत्तर:जब आप किसी मशहूर कलाकार के साथ काम करते है तब बहुत बार भीड़ को सम्हालना मुश्किल हो जाता है। मैंने ये परेशानी रिदिमान चटर्जी के साथ बहुत बार झेली है । एक बार मेरी फिल्म " शून्यो थेके शुरू " में रिदिमान चटर्जी को भिखारी का किरदार निभाना था लेकिन परेशानी ये थी की जहा कही भी शूटिंग के लिए कैमरे लगाये जाते वही भीड़ आ जाती इससे तंग आकर हम लोगो ने रिदिमान चटर्जी को हावड़ा स्टेशन पर भिखारी के वेश में छोड़ दिया और कैमरे गाड़ी के अन्दर लगा दिए । गाड़ी में ही बैठकर हमलोगों ने शूटिंग की । सबसे दिलचस्प बात तो ये थी कि कोई भी उन्हें पहचान नहीं सका यहाँ तक की कितने लोगो ने उन्हें भिखारी समझ कर पैसे भी दे दिए ।
प्रश्न: क्या कारण है कि आपकी फिल्म " शून्य थेके शुरू" को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला? इसकी कहानी के बारे में बताइए ?
उत्तर: इसकी कहानी 70 के दशक वाले अंडर ग्राउंड नक्सलवाद के ऊपर थी । जिसमे कोलकाता विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर जो समाज की उन्नति के बारे में सोचा करते थे , इस आन्दोलन में शामिल हो जाते है । जिसके फलस्वरूप उन्हें बीस साल की जेल होती है । जेल की यंत्रणाओं के कारण वे अपना मानसिक संतुलन खो देते है । जब जेल से छूटते है तो उनका दोस्त उसे अपने घर लाता है ।इलाज करवाता है । वंहा उसे उसकी बेटी से प्यार हो जाता है । एक दिन उसका दोस्त हार्ट अटैक में चल बस्ता है इधर ये सोचकर की उसके दोस्त की बेटी उम्र में उससे काफी छोटी है और उसके साथ शादी करना ठीक नहीं होगा वो घर छोड़कर चला जाता है।
प्रश्न: जिंदगी के बारे में आपका क्या नजरियाँ है ?
उत्तर : जिंदगी एक अँधेरी सुरंग है जिसमें खुशी नामक रौशनी कुछेक सेकेंड्स के लिए आती है ।
बुधवार, 5 दिसंबर 2012
FARZANA AALAM , DEPUTY MAYOR ,KOLKATA
प्रश्न: आप अपने सफल जीवन यात्रा के बारे में बताये ?
उत्तर: मेरे पिताजी जमींदार परिवार से थे हम लोगो की बिहारशरीफ में बहुत बड़ी हवेली है । वो जमींदार थे इसलिए उनका लोगो से मिलना कम ही होता था जबकि मेरे पिताजी को समाज सेवा बहुत पसंद थी ।यही नहीं मेरे पिताजी ने वकालत पास की और उन्होंने पढाई का महत्त्व समझा इसलिए हम सभी भाई -बहन ने अपनी रूचि के अनुसार शिक्षा ग्रहण की । हमने बीएड और पालसाईंस में ऍम .ऐ किया ,वकालत पास की ।चूँकि पिताजी राजनीति में थे इसलिए बचपन से ही राजनीतिक माहौल घर में था । उनके चुनाव के समय हम लोग औटो में बैठकर प्रचार करते ,वोट मांगने जाते .मीटिंग में भाषण देते ।भाषण देना हमें बहुत अच्छा लगता था ।
प्रश्न: आप जिस समुदाय से आई है ,उसमे इतना खुलापन कम ही देखने को मिलता है । क्या आपको भी कभी खिलाफत झेलनी पड़ी ?
उत्तर:देखिये किसी भी महिला को आगे दो ही व्यक्ति बढ़ाते है , पिता या पति ? मै खुशनसीब हूँ की मुझे दोनों का ही सहयोग मिला । हमारे पिताजी ने हमें छूट दी । इसका कुछ लोगोने विरोध भी किया की कैसे लड़की होकर ऑटो में बैठकर प्रचार कर रही है या मीटिंग्स में जा रही है लेकिन पिताजी ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया । मेरे पति जो पेशे से वकील है ,शादी के बाद वो हमें खुद लेकर मीटिंग में जाया करते थे इस लिए लोगो को ज्यादा बोंलने का मौका नहीं मिल सका । लेकिन ये सच है की एक महिला वो भी मुस्लिम , के लिए अपनी दम पर इतना आगे जाना नामुमकिन है ।
प्रश्न:आपका बंगाल में आना कैसे हुआ ?
उत्तर : मेरी माँ बीरभूम की रहने वाली थी । हम लोग साल में एक बार नानी के घर आते । मेरी माँ की आन्तरिक इच्छा थी की मेरी शादी बंगाल में हो वर्ना बंगाल से रिश्ता ही ख़त्म हो जायेगा क्योकि मेरे बाकि के भाई -बहन बिहार में है ।किस्मत से मेरे पति का घर बोलपुर (बंगाल) में है । इस तरह से 1996 में शादी करके हम बंगाल में आ गए ।
प्रश्न: चुनाव का अनुभव आपका कैसा रहा ?
उत्तर : मैंने पहला चुनाव 2000 में राजाबाजार 29 नम्बर वार्ड से लड़ा था जबरदस्ती ढाई हजार वोट से हराया । 2005 में फिर चुनाव लडा फिर हारे लेकिन इस बार अपनी हार पर भरोसा ही नहीं हो रहा था की हम हारे है। क्योंकि हमने मेहनत बहुत की थी और हमें जबरदस्ती हराया गया था ।चूँकि संघर्ष करना हमने बचपन से सीखा था अपने पिता को देखकर बाद में ममता दीदी को संघर्ष करते देखा इसलिए हिम्मत नहीं टूटी ।
उत्तर: मेरे पिताजी जमींदार परिवार से थे हम लोगो की बिहारशरीफ में बहुत बड़ी हवेली है । वो जमींदार थे इसलिए उनका लोगो से मिलना कम ही होता था जबकि मेरे पिताजी को समाज सेवा बहुत पसंद थी ।यही नहीं मेरे पिताजी ने वकालत पास की और उन्होंने पढाई का महत्त्व समझा इसलिए हम सभी भाई -बहन ने अपनी रूचि के अनुसार शिक्षा ग्रहण की । हमने बीएड और पालसाईंस में ऍम .ऐ किया ,वकालत पास की ।चूँकि पिताजी राजनीति में थे इसलिए बचपन से ही राजनीतिक माहौल घर में था । उनके चुनाव के समय हम लोग औटो में बैठकर प्रचार करते ,वोट मांगने जाते .मीटिंग में भाषण देते ।भाषण देना हमें बहुत अच्छा लगता था ।
प्रश्न: आप जिस समुदाय से आई है ,उसमे इतना खुलापन कम ही देखने को मिलता है । क्या आपको भी कभी खिलाफत झेलनी पड़ी ?
उत्तर:देखिये किसी भी महिला को आगे दो ही व्यक्ति बढ़ाते है , पिता या पति ? मै खुशनसीब हूँ की मुझे दोनों का ही सहयोग मिला । हमारे पिताजी ने हमें छूट दी । इसका कुछ लोगोने विरोध भी किया की कैसे लड़की होकर ऑटो में बैठकर प्रचार कर रही है या मीटिंग्स में जा रही है लेकिन पिताजी ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया । मेरे पति जो पेशे से वकील है ,शादी के बाद वो हमें खुद लेकर मीटिंग में जाया करते थे इस लिए लोगो को ज्यादा बोंलने का मौका नहीं मिल सका । लेकिन ये सच है की एक महिला वो भी मुस्लिम , के लिए अपनी दम पर इतना आगे जाना नामुमकिन है ।
प्रश्न:आपका बंगाल में आना कैसे हुआ ?
उत्तर : मेरी माँ बीरभूम की रहने वाली थी । हम लोग साल में एक बार नानी के घर आते । मेरी माँ की आन्तरिक इच्छा थी की मेरी शादी बंगाल में हो वर्ना बंगाल से रिश्ता ही ख़त्म हो जायेगा क्योकि मेरे बाकि के भाई -बहन बिहार में है ।किस्मत से मेरे पति का घर बोलपुर (बंगाल) में है । इस तरह से 1996 में शादी करके हम बंगाल में आ गए ।
प्रश्न: चुनाव का अनुभव आपका कैसा रहा ?
उत्तर : मैंने पहला चुनाव 2000 में राजाबाजार 29 नम्बर वार्ड से लड़ा था जबरदस्ती ढाई हजार वोट से हराया । 2005 में फिर चुनाव लडा फिर हारे लेकिन इस बार अपनी हार पर भरोसा ही नहीं हो रहा था की हम हारे है। क्योंकि हमने मेहनत बहुत की थी और हमें जबरदस्ती हराया गया था ।चूँकि संघर्ष करना हमने बचपन से सीखा था अपने पिता को देखकर बाद में ममता दीदी को संघर्ष करते देखा इसलिए हिम्मत नहीं टूटी ।
प्रश्न : आपने इतना काम किया ,क्या आपकी कर्मठता को पहचानते हुए आपको कोई सम्मान मिला ?
उत्तर, हमने कोई काम पुरस्कार या सम्मान पाने के लिए नहीं किया न कभी इस दिशा में सोचा लेकिन हाल ही में मुझे दो बड़े सम्मानों से सम्मानित किया गया है ये मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है । 2010 में मदर टेरेसा इंटर नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया ।2011 में माइकल मधुसूदन इंटर नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया ।
प्रश्न: आप माँ है ,क्या आपका बच्चा आपके कार्य से संतुष्ट है?
उत्तर : मेरा बेटा नौ वर्ष का है वो जनता है की उसकी माँ को बहुत कार्य करना पड़ता है लेकिन बच्चा होने के नाते वो अक्सर रोता है ।उसे लगता है की दूसरे बच्चों की माओं की तरह उसकी माँ भी उसे स्कूल लेने आये या घुमाने ले जाये ।
प्रश्न: आपको अपने बच्चे को समय न देने के कारण ग्लानी तो बहुत होती होगी ।
उत्तर: मेरा बच्चा बड़े अरमान वाला है क्योकिं वो शादी के सात सालो के बाद पैदा हुआ । जब वो नौ महीने का था तभी हमें वर्धमान एक सम्मलेन में शामिल होने के लिए जाना पड़ा । हमने अपने बेटे को अपनी ननद के पास छोड दिया और सम्मलेन में चले गए। वही से कुछ लोग हमें जबरदस्ती दूसरी मीटिंग्स में ले गए । उस दिन पता नहीं क्यों मेरा बेटा बहुत रोया । ये देखकर मेरी ननद की सास गुस्से से लाल हो गयी और दरवाजे पर ही मेरा इंतजार करने लगी ।हम जब घर पहुंचे उस समय रात का नौ बज रहा था | मुझे देखते ही बोली " सुना है तुम्हारा बेटा बड़े अरमान वाला है ( मन्नत ) और तुम उस बच्चें की माँ हो जिसे उसकी क़द्र ही नहीं। पूरा दिन उसे छोड़कर घूम रही हो पता है की आज वो कितना रोया है।" ऐसे एक दो नहीं वरन अनेक किस्से है ।
प्रश्न : तब तो आप जब घर पर रह ती होगी तो उसके लिए किसी त्यौहार से कम नहीं होता होगा ?
प्रश्न: आप माँ है ,क्या आपका बच्चा आपके कार्य से संतुष्ट है?
उत्तर : मेरा बेटा नौ वर्ष का है वो जनता है की उसकी माँ को बहुत कार्य करना पड़ता है लेकिन बच्चा होने के नाते वो अक्सर रोता है ।उसे लगता है की दूसरे बच्चों की माओं की तरह उसकी माँ भी उसे स्कूल लेने आये या घुमाने ले जाये ।
प्रश्न: आपको अपने बच्चे को समय न देने के कारण ग्लानी तो बहुत होती होगी ।
उत्तर: मेरा बच्चा बड़े अरमान वाला है क्योकिं वो शादी के सात सालो के बाद पैदा हुआ । जब वो नौ महीने का था तभी हमें वर्धमान एक सम्मलेन में शामिल होने के लिए जाना पड़ा । हमने अपने बेटे को अपनी ननद के पास छोड दिया और सम्मलेन में चले गए। वही से कुछ लोग हमें जबरदस्ती दूसरी मीटिंग्स में ले गए । उस दिन पता नहीं क्यों मेरा बेटा बहुत रोया । ये देखकर मेरी ननद की सास गुस्से से लाल हो गयी और दरवाजे पर ही मेरा इंतजार करने लगी ।हम जब घर पहुंचे उस समय रात का नौ बज रहा था | मुझे देखते ही बोली " सुना है तुम्हारा बेटा बड़े अरमान वाला है ( मन्नत ) और तुम उस बच्चें की माँ हो जिसे उसकी क़द्र ही नहीं। पूरा दिन उसे छोड़कर घूम रही हो पता है की आज वो कितना रोया है।" ऐसे एक दो नहीं वरन अनेक किस्से है ।
प्रश्न : तब तो आप जब घर पर रह ती होगी तो उसके लिए किसी त्यौहार से कम नहीं होता होगा ?
उत्तर : बिलकुल वो मेरे पास ही घूमता रहता है ।बार-बार पूछेगा मम्मी क्या चाहिए । उसे चिकिन बिरयानी और पुलाव बहुत पसंद है मेरी कोशिश होती है की मै उसे उस दिन उसकी पसंद का खाना बना कर खिलाऊ ।
प्रश्न: आप ने बीएड़ किया है ,वकालत भी पास की । फिर भी आप राजनीति में ही क्यों आयी ?
उत्तर : मै चाहती तो टीचर या वकील बन सकती थी लेकिन राजनीति का क्षेत्र समाज सेवा के लिए सबसे बड़ा और बेहतर क्षेत्र है मै बचपन से ही समाजसेवा करना चाहती थी ( स्वयम सेवा नहीं ,जैसा की आज के अधिकतर नेता कर रहे है ) इसलिए मैंने इस क्षेत्र को चुना । मै लोगो को भी यही सन्देश देना चाहती हूँ की पहले देश सेवा करना आवश्यक है जब देश बनेगा तभी आपकी तरक्की होगी ।
मंगलवार, 17 अप्रैल 2012
Dr. Sarla Birla & business tycoon Mr. B.K.Birla / Ideal & inspiring couple.
आशा और उत्साह का संगम है जिंदगी गर सोच सही है.
हर राह पर मिलता है मुकाम गर राह नही है.
शत -शत स्वर्ण उषाओं से अभिषिक्त किये जाने के अधिकारी
हर राह पर मिलता है मुकाम गर राह नही है.
शत -शत स्वर्ण उषाओं से अभिषिक्त किये जाने के अधिकारी
'द वेक' पत्रिका के साक्षात्कार के दौरान लिया गया चित्र |
प्रश्न १, सुना है आप लोगो को घुमने का बहुत शौक है और आप ने केदारनाथ एवं बद्रीनाथ की यात्रा अनेक बार की ?
* हाँ ये सही है की हम लोग घुमने के शौक़ीन है विशेष कर तीर्थयात्राओ के . हम लोगो ने सत्रह बार केदारनाथ की यात्रा की ,जबकि दस बार बद्रीनाथ गए ,और दो बार अमरनाथ की दुर्गम यात्रा तय की .
प्रश्न 2, ऐसी क्या वजह थी की आप सत्रह बार केदारनाथ गए ?
* प्रकति की अनुपम छटा हमें खीच कर वहा बार -बार ले गयी .वहा की सुन्दरता है ही ऐसी जिसे देखकर मन भरता ही नहीं .
प्रश्न 3. आपकी दिनचर्या क्या है?
* कुछ खास नहीं, हम लोग प्रातः चार बजे उठ जाते है. दैनिक क्रिया से निवृत होने के बाद हम दोनों लोग साथ में भगवान का भजन करते है .
आदर्श एवं प्रेरणाप्रद जोड़ी. |
प्रश्न 4. आप दोनों लोग साथ में भगवान की पूजा करते है?
* बाबू (बी.के.बिरला जी ) हारमोनियम बजाते है और हम प्रार्थना गाते है .उसके बाद सुबह की सैर यही बगीचे में करते है. नाश्ता करने के बाद बिरला जी आफिस चले जाते है ,हम लोगो से मिलते है.किताबे पढ़ा करते है.हमें फ्रेंच सिखाने वाली टीचर आ जाती है उससे एक घंटे फ्रेच सीखते है. दो बजे तक ये वापस आ जाते है दिन का खाना खाने के पाश्चात्य थोड़े बहुत इधर -उधर के काम निपटाए लोगो से मिले .रात का खाना सात बजे तक खा लेते है और आठ बजने तक हम लोग सो जाते है.
ध्यान पूर्वक बातो को सुनते हुए . |
* मेरा पपौत्र ( कुमार मंगलम के बेटे )आर्यन विक्रम फोटो बहुत अच्छी खीचता है.वो क्रिकेट खेलने का भी बहुत शौक़ीन है.
जिंदगी जिन्दादिली का नाम है. |
प्रश्न ,6 आप फ्रेंच सीख रही है , ये तो बहुत बड़ी बात है वो भी इस उम्र में ?
* अगर दिमाग को व्यस्त नही रखा जाये तो ये अपना कार्य उतनी तेजी से नहीं करता जिस तेजी से करना चाहिए, यानि की शिथिल होने लगता है. इसे तेज रखने के लिए ही हम फ्रेंच सीख रहे है.वैसे भी मेरा मानना है कुछ न कुछ नया करते रहना चाहिए .ये शरीर और दिमाग को हमेशा तरो- ताज़ा रखता है.
प्रश्न 7 , टीवी का आपके जीवन में क्या महत्त्व है?
*सिर्फ खबर देखते है.वो भी एक निश्चित समय पर .
प्रश्न 8 , आपको पुस्तके पढने का बहुत शौक है.
*हाँ हमें पुस्तके पढना बहुत अच्छा लगता है.मराठी ,हिंदी अंग्रेजी की अधिकतर पुस्तके हमने पढ़ी है.मुंशी प्रेमचंद का गोदान हमें बहुत पसंद है.
प्रश्न 9. आजकल लडकिया अपनीशिक्षा के साथ -साथ अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक है.जिसके लिए तलाक भी ज्यादा हो रहे है.अधिकतर लोग इसके लिए लड़कियों की शिक्षा को दोष देते है उनके अनुसार लड़कियों में सामंजस्य की कमी है.आप इस बारे में क्या सोचती है?
* मेरे अनुसार हमारा पहला कर्तव्य परिवार के प्रति है,हमें उसे ठीक रखने के लिए ज्यादा समय और ध्यान देना चाहिए.ये अच्छी बात है की आजकल लड़कियां शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दे रही है और शिक्षा ही उन्हें आगे बढ़ने में मदद देगी . प्रश्न 7 , टीवी का आपके जीवन में क्या महत्त्व है?
*सिर्फ खबर देखते है.वो भी एक निश्चित समय पर .
प्रश्न 8 , आपको पुस्तके पढने का बहुत शौक है.
*हाँ हमें पुस्तके पढना बहुत अच्छा लगता है.मराठी ,हिंदी अंग्रेजी की अधिकतर पुस्तके हमने पढ़ी है.मुंशी प्रेमचंद का गोदान हमें बहुत पसंद है.
प्रश्न 9. आजकल लडकिया अपनीशिक्षा के साथ -साथ अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक है.जिसके लिए तलाक भी ज्यादा हो रहे है.अधिकतर लोग इसके लिए लड़कियों की शिक्षा को दोष देते है उनके अनुसार लड़कियों में सामंजस्य की कमी है.आप इस बारे में क्या सोचती है?
'द वेक' पत्रिका के साथ डॉ. सरला बिरला एवं उद्योगपति श्रीमान बसंत कुमार बिरला . |
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