सोमवार, 4 मई 2020

विदुषी एवं समाज सेवी चित्रा घोष


   बैरिस्टर शरद चंद्र बोस की पुत्री 
   नेताजी सुभाष चन्द्र बोस  की भतीजी 


विदुषी  एवं समाज सेवी चित्रा घोष
अपने घर में साक्षात्कार के दौरान पुरानी यादों के पन्ने पलटते हुए 
प्रश्न, नेताजी के बारे में जानने के लिए आप बहुत प्रयास रत रही है,इसमें आपको सफलता क्यों नहीं मिली?
उत्तर, जब तक सरकार इच्छुक नहीं होगी , फाईल खोली नहीं जाएगी तब तक आप कैसे जान सकेंगे उनके बारे में।

प्रश्न, आपने इस बाबत बात तो की होगी?
उत्तर, हमने बहुत बार पत्र लिखे फाईल खोलने के लिए ,ये तो खबर आ गई कि पी एमो को पत्र मिला लेकिन पत्र का जवाब नहीं मिला। 

प्रश्न, आपने व्यक्तिगत तौर पर उनसे सवाल किया कि क्या वजह है फाईल सार्वजनिक न करने की?
उत्तर, उनका कहना है कि हमारे संबंध खराब हो जायेगे।

प्रश्न, आपने मोदी जी से भी इस बारे में बात की है उनका क्या कहना है?
उत्तर,  मोदी जी बहुत कम बोलते है, वो चुपचाप हमारी बात सुनते रहे। एक ही बात बोली की समय आने पर इसे सार्वजनिक करेगे। हमें लगता है कि शायद  वे चुनाव के समय इसे सार्वजनिक करे।

प्रश्न, परिवार के किसी व्यक्ति के बारे में पता न चले ये बहुत ही कष्टकारी होता है,  नेताजी की रहस्यमई मौत के बारे में जानने के लिए उनकी  बेटी भी आपके साथ इस मुहिम में सहयोग करती होगी।
उत्तर, जब नेताजी का प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हुआ तब वो बहुत छोटी थी। जर्मनी में रहने के कारण उसको अपने पिताजी की महानता के बारे में इतना नहीं पता जितना की हम लोगो को। इसलिए उसने जानने का उतना प्रयास भी नहीं किया।  दूसरी बात कि वो जर्मन में ज्यादा रही अतः जर्मनी ज्यादा भारतीय कम। उनकी बेटी के तीन बच्चे वे भी कुछ खास नहीं जानते।

प्रश्न, आपको नेता जी की मृत्यु के बारे में क्या लगता है?
उत्तर, सबने कहा कि उनकी मृत्यु हवाई जहाज के दुर्घटना ग्रस्त होने के कारण हुई है, लेकिन अखबार में प्रकाशित हुआ कि उन्हें रशिया में देखा गया कभी ये खबर उड़ी की वे साइबेरिया ले जाए गए। हम जानना चाहते है कि उनकी स्वाभाविक मृत्यु हुई  है या उन्हें मारा गया।
प्रश्न, वैसे आपको क्या लगता है उनके मारने में किस देश का  हाथ है?
उत्तर, हमें चाइना के ऊपर शक होता है।

प्रश्न, अक्सर नेहरू जी पर आरोप लगाया जाता है कि नेताजी को मरवाने में उनका हाथ है, आपका क्या विचार है?
उत्तर, हमें इस पर विश्वास नहीं होता। नेताजी और नेहरू जी के बहुत अच्छे रिश्ते थे। गांधी जी को हम लोग देवता तुल्य मानते थे।इंदिरा गांधी भी हम लोगो के घर  बहुत बार आयी है।

प्रश्न,  नेताजी की कोई बात जो आपको अभी तक याद है ?
उत्तर, उन्हें दार्जिलिंग बहुत पसंद था । वहां हम लोगो का घर था। जब इस्टर की छुट्टियां होती तो हम लोग वहां रहते वो हम लोगो के साथ खेलते भी थे और पिताजी (बैरिस्टर शरद चंद्र बोस) के साथ राजनीतिक योजनाएं भी बनाते थे।

प्रश्न, उनकी कोई और याद?
उत्तर,  प्लेन दुर्घटना ग्रस्त होने के पहले उन्होंने मेरे पिताजी को एक पत्र लिखा कि जिस तरह आप मेरा ख्याल रखते है या मुझे प्यार करते है वैसे ही एमिली को  दीजिएगा। मेरे पिताजी ने मेरे भाइयों से पूछा कि तुम लोग उनसे मिलते हो, उन्होंने कहा नहीं, फिर पूछा कि वो तुम लोगो से मिलती है इस पर भी ना सुनकर पिताजी गंभीर हो गए और बिना कुछ बोले चले गए।







कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें