सोमवार, 8 अगस्त 2011

Prakash Javdekar " Spokes person BJP"

  प्रकाश जावडेकर "प्रवक्ता भाजपा "

1. ब्रह्मपुत्र पर बनाया जाने वाला बांध आजकल बहुत चर्चा में है ,आपकी इस विषय में क्या राय है ?
* चीन हमेशा से आक्रामक रहा है ,वह भारत के विरुद्ध कुछ न कुछ खुराफात करता रहता है ,जैसे अलगाववादियों को सहयोग ,तिब्बत पर दबाव ,यंहा तक की उसने भारत का जो नक्शा बना है उसमे कश्मीर को अलग दिखाया है.ब्रह्पुत्र पर बांध भी उसकी नई साजिशों  में से एक है.भारत सरकार को उसकी साजिशों का दो टूक जवाब देना चाहिए जो वो नहीं दे रहा है. 
२. भारतीय जनता पार्टी इस दिशा में क्या कर रही है?
*भाजपा हमेशा ही देश हित में कम करती है.ब्रह्मपुत्र के ऊपर बांध  बनाने  की खबर जबसे राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय मीडीया के दवारा लोगो के बीच में आई है ,हमलोगों ने तुरंत इस बारे में पत्र लिख कर प्रधानमंत्री से पूछा ,जिस पर उन्होंने कहा की ऐसी कोई बात नहीं है . हमलोग पहले भी संसद में इस विषय पर चर्चा कर चुके है .आगे भी हम सदन में मांग रखेंगे की चीन कुछ कर रहा है या नहीं उस पर स्पष्टीकरण दिया जाये .
३. आप ब्रह्मपुत्र के बारे में क्या सोचते है ?
*ब्रह्मपुत्र से हमारा इतिहास व् संस्कृति जुडी हुयी है, जिस तरह भागीरथ गंगा को पृथ्वी पर लाये थे उसी तरह ब्रह्मपुत्र भी भारत में आई है .पौराणिक कथाओ के अनुसार ब्रह्मपुत्र,  सृष्टि का सृजन करने वाले देवता ब्रह्मा जी  का पुत्र है, इस नाते उससे भारतीयों की धार्मिक आस्थाये जुडी हुयी है .अगर ब्रह्मपुत्र के पानी का  रुख  चीन बदलने की कोशिश करेंगा तो भारत पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेंगा .भारत की तबाही भी हो सकती है .
४. भारत ने भी फरक्का बांध ' भारत-बंगलादेश सीमा पर बनाया है क्या इसका यही मतलब निकला जाये की बड़ी मछली ,छोटी मछली को खाती है?
*बिलकुल गलत है ,भारत ने बांध बनाया संधि के तहत .उसने अपनी संधि में जितना पानी छोड़ने की बात की वह उसे बराबर दे रहा है.फरक्का बांध की चीन के बांध से तुलना ही नहीं की जा सकती.
५.अगर चीन बांध बनाता है (जैसा की सुना जा रहा है ) तो भारत सरकार क्या करेगी ?

* बांध को रोकने के लिए भारत के पास अनेक मार्ग है .भारत भी उस पर बांध को रोकने के लिए चीन पर दबाव डालेंगा .
६.चीन पर दबाव डालने के लिए सबसे पहले भारत कौन सा मार्ग अपनाएगा ?
 *प्रत्येक देश  एक- दुसरे के ऊपर किसी न किसी माध्यम से निर्भर होता है .चाइना का भी भारत के साथ व्यावसायिक सम्बन्ध है ,इसलिए वो ऐसा नहीं कर सकता है .आज चाइना के 45 हजार मेगावाट पावर पॉइंट भारत में लग रहे है अगर चीन ऐसा करेगा तो उसके पावर पॉइंट भारत में कैसे लग पाएंगे .

२००९ दिसंबर में 
"बांध पर विवाद "   के लिए दिया गया साक्षात्कार