राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष "भारतीय जनता पार्टी "
१.आप टी. वी. के विभिन्न कार्यक्रमों से जुडी हुयी है ,आपकी खुद की प्रोडक्शन कंपनी भी है साथ ही राजनीति में भी है . क्या राजनीति जनता तक अपनी बात पहुचाने का बेहतर माध्यम है ?
*निसंदेह राजनीति बेहतर माध्यम है अपनी बात जनता तक पहुचाने का क्योकि इसमें हमारा नेटवर्क जमीनी स्तर से लेकर ऊपर तक है . लोग इससे जुड़े रहते है ,उनके माध्यम से हम अपनी बात जनता के बीच में ले जाते है .आवश्यकता पड़ने पर आन्दोलन भी करते है .
२. क्या जनता तक बात टी. वी. सीरियलों के माध्यम से नहीं पहुचाई जा सकती .क्योकि लोग टी.वी. ज्यादा देखते है ?
* सीरियल के माध्यम से कोई भी मुद्दा जनता तक नहीं पहुच सकता क्योकि मेरा मानना है कि गंभीर मुद्दों पर नौटंकी अच्छी नहीं लगती .
३. आपने टी. वी ,के माध्यम से देश -विदेश में अपनी पहचान बनाई है ,राजनितिक क्षेत्र से आपकी क्या अपेक्षाए है?
*मै राजनीति में अपनी पहचान बनाने नहीं आई हूँ बल्कि संगठन से जुड़ कर एक कार्यकर्ता की हैसियत से काम करने आई हूँ .
४.क्या महिलाओ में जागरूकता का अभाव है ?
* जो लोग ये कहते है कि महिलाओ में जागरूकता का अभाव है वे कही न कही हमारी बहनों का अपमान कर रहे है . आज की महिला हर क्षेत्र में BANKING ,ENGINEERING ,MEDICAL , ETC में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है . इस कारण वह महिलाओ से जुडी समस्त समस्याओ को जानती है . वह घर हो या बाहर प्रत्येक क्षेत्र में इनके लिए बेहतर सोच सकती है .ऐसे बहुत से उदाहरण है जब पुरुष नशा करके अपनी पत्नियों को पीटते है और इन्होने इससे तंग आकर शराब के ठिकानो को ख़त्म कर दिया . सही न्याय न मिलने पर थाने का घेराव किया एवम आवश्यकता पड़ने पर लोकल स्तर पर आन्दोलन भी किये .महिला राजनीति से जुडी हो या गैर राजनीतिक ,उसे अपने हक़ के लिए लड़ना आता है .
५. झारखण्ड के एक छोटे से जिले में ४ औरतो ने मिलकर अपनी सास की अर्थी को कन्धा दिया जिस पर वहा के लोगो ने उन्हें प्रोत्साहन देने के बजाय उन पर ९ हजार का जुर्माना ठोक दिया .आपका इस बारे में क्या विचार है ?
* महिला जब भी कोई ठोस कदम उठाती है समाज उसे प्रोत्साहन नहीं देता बल्कि प्रताड़ित करता है लेकिन महिला कभी पीछे नहीं हटती . उस महिला में बेटे का कर्त्तव्य निभाने की क्षमता थी जिसे उसने साबित कर दिया.
६. आपका अपना एनजीओ है , "PEOPLE फॉर CHANGE " . उस एनजीओ के माध्यम से आप गाँवो में पीने का पानी उपलब्ध कराती है जबकि महाराष्ट्र में बहुत से गाँव है जंहा लोग भुखमरी की वजह से दम तोड़ रहे है . क्या आपने कभी उन लोगो के लिए भी कोई मदद भेजी ?
*मैंने विदर्भ में मरने वाले किसानो के परिवार के लिए अपनी संस्था की तरफ से १ करोड़ की राशी भेजी क्योकि उनकी पत्नी व बच्चो के लिए कोई आर्थिक मदद न किसी राजनीतिक दल ने और न ही किसी संस्था ने पहुचाई थी .इसके अतिरिक्त मैंने अस्पताल भी बनाया है जिसमे आर्थिक रूप से कमजोर लोगो का इलाज होता है .समाज सेवा से जुड़े हुए अनेक काम किये है .चूँकि इनकी चर्चा मीडिया में करना मै उचित नहीं समझती हूँ इसलिए किसी को पता नहीं चला .
७. महिलाये राजनीति में नहीं आना चाहती क्यों ?
* ऐसी बात नहीं है हमारी बहुत सी बहने देश की राजनीत में आना चाहती है ,वे इससे जुड़ भी रही है .ज्यादा से जयादा महिलाओ को राजनीती से जोड़ने के लिए ही भाजपा ने ३३% आरक्षण की मांग की है.
८. महिला के चुनाव लड़ने पर कभी कोई बंदिश नहीं थी .फिर महिलाओ के लिए ३३% आरक्षण की मांग क्यों ?
* महिलाओ के लिए ३३% आरक्षण की मांग सुषमा स्वराज जी ने की थी क्योकि उन जैसी बहने जो अपने दम पर राजनीति में आई थी उन्होंने अनुभव किया की अगर ज्यादा से जयादा महिलाये जुड़ेगी तो वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हो सकेगी .अपने देश की उन्नति के लिए कार्य करेगी गलत बातो के खिलाफ सुगमता से अवाज उठा सकेगी .देश की राजनीती में सक्रीय भूमिका निभा सकेगी .राजनीती की राह में उनकी यात्रा सुविधा जनक हो इसी लिए उन्होंने संसद में ३३% आरक्षण की मांग की .
९. क्या आज की समस्त महिलाये सक्षम है ?
* अधिकतर महिलाये सक्षम है वे समाज का नेतृत्व कर सकती है .जिस महिला को सहारे की आवश्यकता है उस तक हम लोग पहुचते है और सहारा देने का प्रयास करते है .
१०.महिलाओ के नाम से कोई सन्देश ?
* महिलाओ के लिए किसी सन्देश की आवश्यकता नहीं है उनका व्यक्तित्व उनकी जागरूकता, क्षमता स्वयं एक सन्देश है . वो अपने अधिकारों के प्रति सजग है .महिला एक क्रांति है .
कोलकाता में मंहगाई के विरुद्ध आन्दोलन करती हुयी |