पद्मश्री ,पद्मभूषण एवं तानसेन आदि पुरस्कारों से सम्मानित
ख्याति प्राप्त स्वर सम्राज्ञी गिरिजा देवी
के जन्म दिन '८ मई' पर विशेष,
अप्पा जी का पूजा स्थल |
'आत्मीय क्षण' बेटी सुधा दत्त 'ओडिसी नृत्यांगना' के साथ |
एक बात मै अवश्य बताउंगी जिसे सुनकर सबको हंसी आएँगी की माँ जब कभी विदेश जाती है तो उनके नाम का विदेशी लोग मतलब समझ नहीं पाते और वो गिरिजा को गिरिजाघर समझ कर हमें ईसाई समझ लेते .
अप्पा जी संजय बुधिया( Managing Director of Patton Group. ) को अपने बेटे की तरह प्यार करती है और उनके बारे में बात करते समय बहुत खुश हो जाती है
अप्पा जी हमलोगों के परिवार का हिस्सा है उनके बिना हमारे कार्यक्रम अधूरे होते है. अगर अप्पा जी कोलकाता में है तो ऐसा हो ही नहीं सकता की वो हमारे किसी आयोजन में शामिल न हो, कितनी बार तो वो बीमार होने के बावजूद भी शामिल हुई .उनकी खास बात जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है वो ये है कि इतनी बड़ी शख्सियत होने के बावजूद भी दिखावा बिल्कुल नहीं करती, जैसे अगर वो किसी आयोजन में शामिल होती है तो उन्हें खोजना पड़ता है कि वो बैठी कहा है. क्योकि वो साधारण इन्सान कि तरह कही भी आकर बैठ जाती है न ही वो किसी से किसी प्रकार कि मदद लेने कि कोशिश करती है .उनकी सादगी ,सरलता और अपनापन इसी से समझ में आता है कि अधिकतर सेलिब्रिटी उपहार लेना पसंद करती है लेकिन अप्पा जी उन लोगो में से है जो दूसरों को उपहार देने में विश्वास करती है . मेरी शादी कि सालगिरह पर उन्होंने मेरी पत्नी के लिए खुबसूरत सी साड़ी बहुत ही आत्मीयता के साथ भेजी.
जब कभी भी फ़ोन पर बात करेंगी तो पहले आशीर्वाद देंगी फिर पूरे परिवार के बारे में पूछेंगी .उनका बड़प्पन उनके व्यक्तित्व में झलकता है, उनके इसी अपनत्व से हम सभी abhibhut है. उनके बारे में जितना भी कहा जाये कम है .संगीत उनकी जिंदगी है ,सादगी उनका व्यक्तित्व . उन्होंने शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में जो योगदान दिया है वो अभूतपूर्व है. इसे बचाने के लिए उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया .आज वो हमारे देश का गौरव है. उनके जैसी विभूति का वरदहस्त हमलोगों के साथ है ये सोचकर ही हम गौरवान्वित होते है और स्वयं को सुरक्षित महसूस करते है.
चेयरमेन एच. पी. बुधिया एवं संजय बुधिया